आज यानि २५ जून को जिनी ४ साल की हो गयी। आज उसका चौथा जन्मदिवस है।
इन ४ सालों में मैं जब भी उससे दूर गयी किसी न किसी मजबूरी से. उससे दूर होने का जरा भी मन नही करता है दूर होने पर भी मैं घर वालों से बस उसके बारें में बात करती हूँ। जिनी को मैं प्यार से कई नामों से पुकारती हूँ जैसे जब मेरी बेटी छोटी थी मैं उसे पुकारती थी। यह सब सुनकर मेरी बेटी कहती है पहले तो आप मुझे ऐसे बुलाती थी अब उसे बुलाती हो कभी मुझे भी ऐसे प्यार से बुलाया करो। उसकी ये बातें सुनकर, उसकी थोड़ी सी ईर्ष्या देख कर मुझे हंसी भी आती है , मैं उससे कहती हूँ इसे तो तू ही लायी थी यह तेरी है इसलिये मैं उसे तेरे ही नामों से बुलाती हूँ।
इन ४ सालों में मैं जब भी उससे दूर गयी किसी न किसी मजबूरी से. उससे दूर होने का जरा भी मन नही करता है दूर होने पर भी मैं घर वालों से बस उसके बारें में बात करती हूँ। जिनी को मैं प्यार से कई नामों से पुकारती हूँ जैसे जब मेरी बेटी छोटी थी मैं उसे पुकारती थी। यह सब सुनकर मेरी बेटी कहती है पहले तो आप मुझे ऐसे बुलाती थी अब उसे बुलाती हो कभी मुझे भी ऐसे प्यार से बुलाया करो। उसकी ये बातें सुनकर, उसकी थोड़ी सी ईर्ष्या देख कर मुझे हंसी भी आती है , मैं उससे कहती हूँ इसे तो तू ही लायी थी यह तेरी है इसलिये मैं उसे तेरे ही नामों से बुलाती हूँ।
चार साल से जिनी हमारे परिवार का एक अभिन्न अंग बन गयी है। घर के सभी सदस्यों की दुलारी जिनी हम सभी घर के सदस्यों को अकेले उतना प्यार देती है जितना प्यार हम तीनो मिलकर उसे देते हैं कभी वो मेरे पास , कभी मेरे पति के पास तो कभी बेटी के पास रह कर अपना प्यार देती है।
तो ऐसी है हम सबकी प्यारी जिनी।
तो ऐसी है हम सबकी प्यारी जिनी।